5G और AI क्रांति: भारत में तकनीकी नवाचार का सामाजिक प्रभाव
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में 5G नेटवर्क को तेज़ी से अपनाया है, जिससे यह दुनिया के प्रमुख 5G बाज़ारों में से एक बन गया है। आज, जब 5G की कनेक्टिविटी लगभग पूरे देश में फैल चुकी है, तो ध्यान ‘कनेक्टिविटी’ से हटकर ‘अनुप्रयोगों’ (Applications) और सामाजिक प्रभाव पर केंद्रित हो गया है। हाल ही में हुए इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में, Ericsson जैसी वैश्विक कंपनियों ने दिखाया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ मिलकर 5G, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और सार्वजनिक वितरण जैसी मूलभूत प्रणालियों में क्रांति ला रहा है।
यह लेख AI और 5G के संगम से भारत में हो रहे क्रांतिकारी बदलावों, प्रमुख नवाचारों और इस तकनीकी क्रांति को समावेशी (inclusive) और स्थायी (sustainable) बनाने की चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डालता है।
1. कनेक्टिविटी से सामाजिक नवाचार तक
भारत की 5G यात्रा का उद्देश्य केवल तेज़ इंटरनेट देना नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक को डिजिटल सेवाओं से जोड़ना है।
A. 5G नेटवर्क का विस्तार और उसका उपयोग
- तेज़ गोद लेना: भारत में 360 मिलियन से अधिक 5G ग्राहक हो चुके हैं, जो जनसंख्या के 80% से अधिक हिस्से को कवर करते हैं। यह नेटवर्क की विश्वसनीयता और गति को दर्शाता है।
- फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA): 5G FWA तकनीक फाइबर-जैसी तेज़ इंटरनेट को wirelessly, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचा रही है। भारत में 8.4 मिलियन से अधिक FWA ग्राहक हैं, जिनमें से 40% ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। यह शिक्षा, टेलीमेडिसिन और छोटे व्यवसायों को सशक्त बना रहा है।
B. AI और 5G का तालमेल
5G उच्च गति और कम विलंबता (low latency) प्रदान करता है, जो AI-आधारित वास्तविक समय (real-time) अनुप्रयोगों के लिए एक आदर्श मंच है। IMC 2025 में प्रदर्शित प्रमुख AI और 5G नवाचार इस बात का प्रमाण हैं:
- StethoECG (रिमोट हार्ट मॉनिटरिंग):
- नवाचार: IIT मद्रास के सहयोग से विकसित यह हैंडहेल्ड वायरलेस डिजिटल स्टेथोस्कोप, 5G नेटवर्क पर ECG डेटा को वास्तविक समय में दूर बैठे डॉक्टर को भेज सकता है।
- सामाजिक प्रभाव: यह दूरदराज के क्षेत्रों में भी तत्काल हृदय रोग निदान (cardiac diagnosis) को संभव बनाता है, जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- AI-संचालित रेलकार निरीक्षण:
- नवाचार: रोबोटिक डॉग (Robotic Dog) जो सेंसर और HD कैमरों से लैस है, 5G निजी नेटवर्क पर रेलगाड़ियों का स्वायत्त रूप से (autonomously) निरीक्षण करता है।
- दक्षता: AI-संचालित दोष पहचान प्रणाली से यह सुनिश्चित होता है कि रेलवे सुरक्षा और परिचालन दक्षता में सुधार हो, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम कम होता है।
2. डिजिटल वितरण में क्रांति: ग्रेन एटीएम
तकनीकी नवाचार का एक सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System – PDS) में देखा जा रहा है।
5G-सक्षम अन्नपूर्णा ग्रेन ATM (Annapoorna Grain ATM)
- नवाचार: यह ATM एक मशीन है जो आधार-आधारित बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके 30 सेकंड में 25-30 किलोग्राम खाद्य अनाज वितरित करता है।
- सरकारी पहल का समर्थन: यह ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना का समर्थन करता है और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
- समावेशीता: इस मशीन को वाराणसी, गोरखपुर और शिलांग जैसे शहरों में तैनात किया गया है, जो दर्शाता है कि तकनीक को समावेशी (inclusive) बनाने के लिए इसे टियर 2 और 3 शहरों में लागू किया जा रहा है। यह डिजिटल समावेशन और खाद्य सुरक्षा दोनों को सुनिश्चित करता है।

3. भारत का बढ़ता AI और तकनीकी इकोसिस्टम
यह नवाचार केवल कुछ बड़ी कंपनियों के प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि भारत के बढ़ते तकनीकी इकोसिस्टम का प्रतिबिंब है।
A. AI के लिए सरकारी नीतियाँ
- India-AI Mission: सरकार ने उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग क्षमता का निर्माण शुरू कर दिया है ताकि हर इनोवेटर और स्टार्टअप को AI संसाधनों तक किफायती पहुँच मिल सके। इसका लक्ष्य AI के लाभों को देश के हर ज़िले और हर भाषा तक पहुँचाना है।
- कृषि और स्वास्थ्य में AI: AI-संचालित प्लेटफॉर्म अब किसानों को फसल की पैदावार बढ़ाने, कीटों का पता लगाने और सिंचाई को अनुकूलित करने में मदद कर रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य सेवा में AI-संचालित निदान और व्यक्तिगत उपचार योजनाओं का विकास किया जा रहा है।
B. वैश्विक साझेदारी और नवाचार केंद्र
- वैश्विक सहयोग: Ericsson और IIT मद्रास जैसी संस्थाओं के बीच संयुक्त अनुसंधान, भारत की क्षमता को वैश्विक आर एंड डी (R&D) में एकीकृत करता है।
- सॉफ्टवेयर डेवलपर पावरहाउस: भारत दुनिया के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर डेवलपर समुदायों में से एक है, जो 5G प्लेटफॉर्म की क्षमता का लाभ उठाकर न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए नवाचार कर सकता है।
4. चुनौतियाँ: सुरक्षा और समावेशन
AI और 5G के इस नए चरण में कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है:
- साइबर सुरक्षा: 5G और IoT उपकरणों के विस्तार से साइबर हमलों का खतरा बढ़ गया है। Vi Protect जैसी AI-संचालित सुरक्षा प्रणालियों को पूरे नेटवर्क में मजबूत करना आवश्यक है।
- कौशल अंतराल (Skill Gap): AI और 5G के लिए आवश्यक कौशल की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस अंतराल को पाटने के लिए शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग और बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम (upskilling programs) अनिवार्य हैं।
- डेटा संप्रभुता और निजता: AI का उपयोग करते समय, नागरिकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। DPDP अधिनियम के कठोर कार्यान्वयन और AI के लिए नैतिक रूपरेखा (ethical framework) का विकास महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
भारत की 5G क्रांति और AI नवाचार सिर्फ तकनीक के बारे में नहीं है; यह तकनीक को सामाजिक सशक्तिकरण के माध्यम में बदलने के बारे में है। ग्रेन ATM से लेकर रिमोट हार्ट मॉनिटरिंग तक, भारत यह दिखा रहा है कि नवाचार कैसे गरीबी को कम कर सकता है, जीवन बचा सकता है और अंतिम नागरिक तक पहुँच सकता है।
AI और 5G के इस नए दौर में, भारत वैश्विक तकनीकी नेतृत्व के लिए तैयार है, जो समावेशिता, विश्वसनीयता और बड़े पैमाने के समाधानों पर आधारित है।