युवा शक्ति का भविष्य: PM-SETU योजना और ITI से कौशल क्रांति
PM-SETU Plan
भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा आबादी (Youth Population) है। देश के ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने के लिए, इस युवा शक्ति को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती है। आज, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ग्रीन एनर्जी, और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्र तेजी से उभर रहे हैं, भारत सरकार कौशल विकास (Skill Development) में एक बड़ा परिवर्तन ला रही है।
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM-SETU (प्रधानमंत्री – स्किलिंग फॉर एम्प्लॉयमेंट ट्रांसफॉर्मेशन एंड अपस्किलिंग) जैसी कई नई पहलों का उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य भारत के युवाओं को वैश्विक बाज़ार की माँगों के अनुसार प्रशिक्षित करना है। इस कदम से ITI (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) अब पुराने प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लिए आधुनिक कार्यशालाएँ (workshops) बन रहे हैं।
यह विस्तृत गाइड इस कौशल क्रांति की आवश्यकता, PM-SETU के मुख्य स्तंभों, ITI के आधुनिकीकरण और भविष्य की नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल पर विस्तार से चर्चा करती है।
1. कौशल क्रांति की आवश्यकता: बदलता वैश्विक और भारतीय बाज़ार
दशकों से, भारतीय शिक्षा प्रणाली उद्योग की ज़रूरतों के साथ तालमेल बिठाने में पीछे रही है। आज, यह अंतर और बढ़ गया है, क्योंकि तकनीकी परिवर्तन की गति अभूतपूर्व है।
A. AI और 4IR (चौथी औद्योगिक क्रांति) का प्रभाव
- ऑटोमेशन का खतरा: AI और ऑटोमेशन ने आईटी और विनिर्माण के रूटीन कार्यों को समाप्त करना शुरू कर दिया है। इससे उन श्रमिकों के लिए नौकरी का खतरा पैदा हो गया है जिनके पास केवल बुनियादी (basic) कौशल हैं।
- नए कौशल की माँग: उद्योग को अब ऐसे पेशेवरों की ज़रूरत है जो डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हों।
- भारत का डेमोग्राफिक लाभांश: भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी कार्यशील आबादी है, लेकिन अगर उन्हें सही कौशल नहीं मिला, तो यह लाभांश एक बोझ बन सकता है।
B. MSME और स्थानीय अर्थव्यवस्था की ज़रूरतें
- छोटे व्यवसायों का डिजिटलीकरण: UPI और ONDC जैसे प्लेटफॉर्म छोटे व्यवसायों को ऑनलाइन ला रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने डिजिटल संचालन को संभालने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की ज़रूरत है।
- स्थानीय रोज़गार: ‘Vocal for Local’ अभियान को सफल बनाने के लिए, प्रत्येक ज़िले में ऐसे प्रशिक्षित युवाओं की ज़रूरत है जो स्थानीय उत्पादों के लिए विश्व-स्तरीय गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकें।
2. PM-SETU योजना: कौशल विकास का नया रोडमैप
प्रधानमंत्री – स्किलिंग फॉर एम्प्लॉयमेंट ट्रांसफॉर्मेशन एंड अपस्किलिंग (PM-SETU) योजना को भारत की कौशल चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण के रूप में लॉन्च किया गया है।
A. उद्देश्य और फंडिंग
- लक्ष्य: इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य अगले 5 वर्षों में लाखों युवाओं को भविष्य-उन्मुख (future-ready) कौशल प्रदान करना है।
- विशाल निवेश: PM-SETU जैसी पहलों को मजबूत करने के लिए सरकार ने कौशल विकास से संबंधित पहलों पर ₹62,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया है।
B. PM-SETU के मुख्य स्तंभ
- वैश्विक कौशल गलियारा (Global Skill Corridor): यह कार्यक्रम भारत के कौशल को सीधे वैश्विक बाज़ार की ज़रूरतों से जोड़ता है। इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को प्रशिक्षण देना है ताकि वे विदेश में उच्च मांग वाले क्षेत्रों, जैसे सऊदी अरब में तेल-तकनीक या जर्मनी में विनिर्माण, में काम कर सकें।
- उन्नत ITI का निर्माण: पारंपरिक ITI को उन्नत प्रौद्योगिकियों के प्रशिक्षण केंद्र (Centre of Excellence) में बदला जा रहा है।
- उद्योग-शिक्षा साझेदारी (Industry-Academia Partnership): यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सीधे उद्योग की ज़रूरतों पर आधारित हों। टाटा, मारुति, और सीमेंस जैसी कंपनियों को ITI के साथ मिलकर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- लघु पाठ्यक्रम और प्रमाणन: पारंपरिक लंबी डिग्री के बजाय, बाजार की मांग के अनुरूप शॉर्ट-टर्म कोर्स और उद्योग-मान्यता प्राप्त प्रमाणन (Industry-Recognized Certification) पर जोर दिया जा रहा है।

3. ITI का आधुनिकीकरण: कार्यशालाएँ बन रहीं स्मार्ट हब
ITI को अक्सर केवल पारंपरिक ट्रेड (जैसे वेल्डिंग या फिटर) के केंद्र के रूप में देखा जाता था। अब यह धारणा बदल रही है।
A. डिजिटलीकरण और AI एकीकरण
- स्मार्ट क्लासरूम: ITI में अब स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल शिक्षण उपकरण लगाए जा रहे हैं।
- AI-आधारित पाठ्यक्रम: AI को अब इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और ऑटोमोबाइल जैसे ट्रेडों में एकीकृत किया जा रहा है। छात्र अब सीखते हैं कि AI का उपयोग करके कार की समस्याओं का निदान (diagnose) कैसे करें या विनिर्माण प्रक्रिया को कैसे अनुकूलित (optimize) करें।
- उद्योग 4.0 कौशल: छात्रों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), क्लाउड-आधारित सिस्टम, और रोबोटिक्स जैसे इंडस्ट्री 4.0 कौशल में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
B. महिला सशक्तिकरण और समावेशिता
- जेंडर गैप को पाटना: PM-SETU और संबंधित पहलों का एक प्रमुख लक्ष्य कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है। महिला छात्रों को पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान माने जाने वाले ट्रेडों, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और रोबोटिक्स, में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- ग्रामीण पहुँच: BharatNet जैसे पहल से ग्रामीण क्षेत्रों के ITI को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीण युवा भी उन्नत ऑनलाइन पाठ्यक्रमों तक पहुँच सकें।
4. भविष्य की नौकरी और आवश्यक कौशल
AI और तकनीकी बदलाव के इस दौर में, कुछ कौशल ‘सुनिश्चित सफलता’ की गारंटी देते हैं:
- AI और डेटा साक्षरता: हर क्षेत्र के पेशेवर को AI और डेटा का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि डेटा को कैसे पढ़ा और व्याख्यायित (interpret) किया जाता है।
- ग्रीन स्किल्स (Green Skills): नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) सेक्टर में बूम आ रहा है। सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, EV बैटरी टेक्नोलॉजी, और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन से संबंधित कौशल की माँग तेज़ी से बढ़ेगी।
- साइबर सुरक्षा: जैसे-जैसे सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है, साइबर खतरों से निपटने के लिए सुरक्षित कोडिंग और नेटवर्क सुरक्षा (Network Security) विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है।
- लचीलापन (Adaptability): सबसे महत्वपूर्ण कौशल है नई तकनीकों को तेज़ी से सीखने और खुद को बदलने की क्षमता।
5. निष्कर्ष: एक नया ‘कौशल भारत’
PM-SETU योजना और ITI का आधुनिकीकरण भारत को केवल एक सेवा प्रदाता (service provider) देश से बदलकर एक उत्पादक और नवाचार-केंद्रित (Productive and Innovation-Centric) देश बना रहा है। इस कौशल क्रांति का सीधा असर देश की GDP पर पड़ेगा, रोज़गार बढ़ेगा, और भारत वैश्विक मंच पर तकनीकी नेतृत्व की भूमिका निभा पाएगा।
युवाओं के लिए संदेश स्पष्ट है: यह डरने का नहीं, बल्कि AI और प्रौद्योगिकी को अपनाने का समय है। कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करके, आप न केवल अपनी नौकरी बचा सकते हैं, बल्कि ‘विकसित भारत’ के निर्माण में एक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।