GST 2.0 दरों में बदलाव: 2025 में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?    

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GST दरों में ऐतिहासिक बदलाव: क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा, और कैसे उठाएं लाभ?

GST 2.0 दरों में बदलाव: 2025 में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?

GST 2.0 दरों में बदलाव: 2025 में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?

GST 2.0

हाल ही में, मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसने देश के पूरे अप्रत्यक्ष कर ढांचे को बदल दिया है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में, सरकार ने मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को हटाकर इसे दो मुख्य स्लैब 5% और 18% में बदल दिया है। इसके अलावा, कुछ लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 40% का एक नया स्लैब भी लागू किया गया है। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू हो गया है और इसे सरकार ने ‘जीएसटी बचत उत्सव’ का नाम दिया है।

यह बदलाव न केवल कारोबारियों के लिए बल्कि आम आदमी के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस बड़े सुधार के बारे में विस्तार से जानेंगे, यह समझेंगे कि किन-किन वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम हुई हैं और इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

GST 2.0: क्यों और क्या बदला?

जब जुलाई 2017 में जीएसटी लागू हुआ था, तो इसका उद्देश्य ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की भावना को लागू करना था। हालांकि, समय के साथ, चार अलग-अलग कर स्लैब ने प्रणाली को जटिल बना दिया था। अब, जीएसटी 2.0 का उद्देश्य इस प्रणाली को सरल और अधिक पारदर्शी बनाना है।

नए जीएसटी स्लैब:

  • 5% स्लैब: इसमें उन आवश्यक वस्तुओं को रखा गया है जिन्हें आम जनता रोज़ाना उपयोग करती है, जैसे कि कुछ खाने-पीने की चीजें और घरेलू सामान।
  • 18% स्लैब: इसमें अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं शामिल हैं।
  • 40% स्लैब: यह एक नया स्लैब है जिसे विशेष रूप से उन वस्तुओं के लिए बनाया गया है जो स्वास्थ्य या समाज के लिए हानिकारक मानी जाती हैं, जैसे कि तंबाकू उत्पाद और लग्जरी सामान।

यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि लोगों के हाथों में ज्यादा पैसा बचे, जिससे घरेलू खपत बढ़े और अर्थव्यवस्था को गति मिले।

किन-किन वस्तुओं पर कम हुआ GST?

इस ऐतिहासिक बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा आम उपभोक्ताओं को हुआ है। यहाँ कुछ प्रमुख वस्तुओं की सूची दी गई है जिन पर जीएसटी दरें कम हुई हैं:

  1. खाद्य पदार्थ और डेयरी उत्पाद:
    • पनीर और छेना: पहले इन पर 5% जीएसटी लगता था, अब इसे पूरी तरह हटा दिया गया है।
    • पिज्जा ब्रेड, खाखरा और पारंपरिक भारतीय ब्रेड: इन पर भी अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
    • अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) दूध: इस पर भी जीएसटी समाप्त कर दिया गया है।
  2. घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण:
    • टीवी, रेफ्रिजरेटर, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स: इन पर पहले 28% जीएसटी लगता था, जिसे घटाकर 18% कर दिया गया है। इसका मतलब है कि त्योहारों से पहले इनकी कीमतों में 10% तक की कमी आ सकती है।
    • वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, डिशवॉशर: ये सभी उपकरण अब 18% के स्लैब में आ गए हैं, जिससे इनकी कीमतें कम हो जाएंगी।
  3. शिक्षा और स्वास्थ्य:
    • कॉपी, नोटबुक, पेंसिल, शार्पनर और क्रेयॉन: इन सभी स्टेशनरी आइटम पर पहले 12% GST लगता था, जिसे हटाकर 0% कर दिया गया है। यह छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है।
    • जीवन रक्षक दवाएं: लगभग 33 महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है।
    • स्वास्थ्य बीमा: व्यक्तिगत और जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी समाप्त कर दिया गया है, जिससे यह आम लोगों के लिए अधिक किफायती हो गया है।
  4. ऑटोमोबाइल:
    • छोटी कारें और दोपहिया वाहन: इन पर पहले 28% तक जीएसटी लगता था, जिसे अब 18% के स्लैब में शामिल किया गया है।
GST 2.0 दरों में बदलाव: 2025 में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?

उपभोक्ताओं को कैसे मिलेगा सीधा लाभ?

सरकार का उद्देश्य है कि इन GST कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचे। लेकिन यह सुनिश्चित करना एक चुनौती हो सकती है। सरकार ने इसके लिए कुछ कदम उठाए हैं:

  • शिकायत निवारण तंत्र: अगर कोई दुकानदार या कंपनी GST कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दे रही है, तो आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आप नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) के टोल-फ्री नंबर 1915 पर कॉल कर सकते हैं या उनकी वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • सरकार की निगरानी: केंद्र सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और खुदरा विक्रेताओं पर कड़ी नजर रख रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मूल्य में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँच रहा है।
  • बाजार में बदलाव: GST कटौती से कीमतों में कमी आने से बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आएगी।

GST बचत उत्सव: एक नई शुरुआत

‘GST बचत उत्सव’ सिर्फ GST दरों में कमी के बारे में नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। अमेरिकी टैरिफ जैसे वैश्विक दबावों के बीच, सरकार घरेलू खपत को बढ़ाकर आर्थिक विकास को बनाए रखना चाहती है।

यह कदम दिखाता है कि सरकार आर्थिक सुधारों को सरल बनाने और आम जनता को सीधे लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

निष्कर्ष

Gst दरों में यह ऐतिहासिक बदलाव भारत की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देगा, बल्कि यह देश को एक मजबूत और अधिक टिकाऊ आर्थिक भविष्य की ओर ले जाएगा।

हमें उम्मीद है कि आप इस बदलाव का पूरा लाभ उठाएंगे और एक जागरूक उपभोक्ता बनेंगे।

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