ONDC Revolution: E-commerce का UPI मोमेंट, MSME Empowerment    

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ONDC Revolution: ई-कॉमर्स का UPI मोमेंट और छोटे व्यवसायों का सशक्तिकरण

ONDC Revolution: E-commerce का UPI मोमेंट, MSME Empowerment

भारत की डिजिटल प्रगति ने दुनिया को चकित कर दिया है। UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने जिस तरह भुगतान की दुनिया में क्रांति ला दी, ठीक उसी तरह, भारत सरकार समर्थित एक नई पहल ONDC (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स), ई-कॉमर्स के क्षेत्र में इतिहास रचने के लिए तैयार है। ONDC का उद्देश्य Amazon और Flipkart जैसी बड़ी प्लेटफॉर्म्स की प्रभुता को चुनौती देना और भारतीय डिजिटल कॉमर्स को लोकतांत्रिक (democratize) बनाना है।

ONDC एक ओपन नेटवर्क है जो विक्रेताओं, खरीदारों और लॉजिस्टिक्स कंपनियों को एक साझा मंच पर लाता है, जिससे छोटे व्यवसायों (MSMEs) को राष्ट्रीय बाज़ार तक पहुँचने का एक नया अवसर मिलता है। इस विस्तृत लेख में, हम जानेंगे कि ONDC क्या है, यह कैसे काम करता है, इसकी सफलता के पीछे UPI का क्या मॉडल है, और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक गेम-चेंजर क्यों साबित हो सकता है।

1. ONDC क्या है और यह UPI से कैसे प्रेरित है?

ONDC कोई नया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म या ऐप नहीं है। यह एक खुला प्रोटोकॉल (Open Protocol) और विकेन्द्रीकृत नेटवर्क (Decentralized Network) है, जिसे वाणिज्य मंत्रालय के DPIIT (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) ने एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में स्थापित किया है।

A. ONDC का ‘UPI मोमेंट’

ONDC की प्रेरणा सीधे UPI से ली गई है। UPI ने यह साबित किया कि जब एक खुला, इंटरऑपरेबल (interoperable) सिस्टम बनाया जाता है, तो नवाचार और प्रतिस्पर्धा तेज़ी से बढ़ती है।

विशेषताएँUPI (भुगतान)ONDC (ई-कॉमर्स)
प्रणालीइंटरऑपरेबल पेमेंट रेलइंटरऑपरेबल कॉमर्स नेटवर्क
प्लेटफॉर्म की आवश्यकताकोई भी ऐप (PhonePe, Google Pay, Paytm) किसी भी बैंक के साथ काम कर सकता है।कोई भी खरीदार ऐप (Buyer App) किसी भी विक्रेता को ढूंढ सकता है, भले ही वे अलग-अलग विक्रेता ऐप पर सूचीबद्ध हों।
उद्देश्यभुगतान में प्लेटफॉर्म की बादशाहत खत्म करना।ई-कॉमर्स में प्लेटफॉर्म की बादशाहत खत्म करना।

B. ONDC कैसे काम करता है?

पारंपरिक ई-कॉमर्स में, खरीदार और विक्रेता को एक ही प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon) पर होना ज़रूरी है। ONDC इस ‘गेटकीपिंग’ मॉडल को तोड़ता है।

  • नेटवर्क सहभागी: ONDC में खरीदार ऐप (Buyer Apps), विक्रेता ऐप (Seller Apps), और लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर (Logistics Providers) शामिल होते हैं।
    • उदाहरण: यदि आप Paytm या PhonePe के माध्यम से खरीदारी कर रहे हैं (जो अब खरीदार ऐप बन गए हैं), तो आप ONDC नेटवर्क पर सूचीबद्ध हजारों छोटे विक्रेताओं के उत्पादों को देख सकते हैं, भले ही वे किसी अन्य विक्रेता ऐप (Seller App) पर पंजीकृत हों।
  • ओपन प्रोटोकॉल: यह नेटवर्क Beckn प्रोटोकॉल पर आधारित है, जो सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक साझा भाषा प्रदान करता है, जिससे सभी ऐप्स एक-दूसरे से बात कर सकते हैं।

2. ONDC की उपलब्धियाँ और विस्तार (2025 तक)

ONDC अपने शुरुआती चरणों को पार करके अब भारत के कई प्रमुख शहरों और क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है:

A. व्यापक भौगोलिक और संख्यात्मक विस्तार

  • 600+ शहरों तक पहुँच: ONDC 600 से अधिक भारतीय शहरों में फैल चुका है, जिसमें टियर-2 और टियर-3 शहर (Tier-2 and Tier-3 cities) प्रमुख रूप से शामिल हैं।
  • 7 लाख+ विक्रेता: 7 लाख से अधिक विक्रेता इस नेटवर्क पर पंजीकृत हो चुके हैं, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय और MSME विक्रेता शामिल हैं।
  • 150 मिलियन लेनदेन: ONDC ने कुल 150 मिलियन से अधिक लेनदेन संसाधित किए हैं, जो नेटवर्क की बढ़ती स्वीकार्यता का प्रमाण है।

B. ONDC का विविध क्षेत्रों में प्रवेश

ONDC अब केवल किराने (grocery) और भोजन तक सीमित नहीं है:

  • मोबिलिटी (Mobility): ONDC ने टैक्सी और ऑटो बुकिंग जैसी सेवाओं में प्रवेश किया है, जिससे ड्राइवरों को बड़े प्लेटफॉर्म्स की उच्च कमीशन दर से मुक्ति मिली है।
  • वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion): यह ONDC का सबसे क्रांतिकारी कदम है।
    • क्रेडिट ऑन ONDC: छोटे व्यवसायों को अपने ONDC डेटा (जैसे बिक्री मात्रा) का उपयोग करके तुरंत और कागज़ रहित ऋण (Micro-loans) प्राप्त करने की अनुमति मिली है। OCEN (Open Credit Enablement Network) इस सुविधा को शक्ति प्रदान करता है।
    • म्यूचुअल फंड एकीकरण: Zerodha जैसी प्रमुख फिनटेक कंपनियों ने अपने म्यूचुअल फंड उत्पादों को ONDC नेटवर्क पर सूचीबद्ध किया है। इसका मतलब है कि लोग अब अपने रोजमर्रा के UPI ऐप्स के माध्यम से भी SIP शुरू कर सकते हैं, जिससे निवेश UPI जितना ही आसान और सुलभ हो गया है।

3. ONDC: छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए क्यों है बेहतर?

ONDC का मुख्य उद्देश्य बाजार को विशाल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के वर्चस्व से मुक्त करना है, जिससे छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा हो सके।

A. MSMEs के लिए लाभ (विक्रेताओं का सशक्तिकरण)

  1. कमीशन में कमी: पारंपरिक प्लेटफॉर्म अक्सर 20-40% तक कमीशन लेते हैं। ONDC नेटवर्क पर कमीशन दरें घटकर 3-5% तक रह गई हैं, जिससे MSMEs की लाभप्रदता (profitability) बढ़ी है।
  2. डेटा और ब्रांड स्वामित्व: ONDC पर विक्रेता अपने ग्राहक डेटा और ब्रांड पहचान पर नियंत्रण रखते हैं, जबकि पारंपरिक प्लेटफॉर्म पर उन्हें ग्राहक डेटा साझा नहीं किया जाता है।
  3. राष्ट्रीय पहुँच: एक स्थानीय ‘किराना स्टोर’ या हस्तशिल्प विक्रेता (local artisan) अब किसी भी खरीदार ऐप के माध्यम से देश भर के ग्राहकों तक पहुँच सकता है, जिससे उनकी बाज़ार पहुँच अभूतपूर्व रूप से बढ़ जाती है।
ONDC Revolution: E-commerce का UPI मोमेंट, MSME Empowerment

B. उपभोक्ताओं के लिए लाभ (खरीदारों के लिए विकल्प)

  1. अधिक विकल्प: खरीदारों को अब एक ही जगह पर विभिन्न विक्रेता ऐप से उत्पादों का एक एकीकृत कैटलॉग (unified catalog) मिलता है।
  2. कीमतों में प्रतिस्पर्धा: कमीशन कम होने से विक्रेता कम कीमतों पर उत्पाद बेच सकते हैं, जिससे अंततः ग्राहकों को सस्ती चीजें मिलती हैं।
  3. हाइपरलोकल सेवाएँ: ONDC स्थानीय विक्रेताओं और लॉजिस्टिक्स को जोड़ता है, जिससे ’10 मिनट की डिलीवरी’ जैसे हाइपरलोकल सेवाएँ छोटे शहरों में भी संभव हो जाती हैं।

4. ONDC के सामने चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा

ONDC की क्षमता अपार है, लेकिन इसे UPI जैसी सफलता हासिल करने के लिए कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा:

  • गुणवत्ता नियंत्रण: एक ओपन नेटवर्क पर, उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहक सेवा की स्थिरता बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। ONDC को एक मजबूत विवाद समाधान (dispute resolution) और रेटिंग प्रणाली स्थापित करनी होगी।
  • डिजिटल साक्षरता: छोटे विक्रेताओं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, के लिए डिजिटल ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया और कैटलॉग प्रबंधन अभी भी जटिल है। इसके लिए अधिक फील्ड-ऑन-स्ट्रीट (Feet-on-Street) कार्यक्रमों और स्थानीय भाषा समर्थन की आवश्यकता है।
  • जागरूकता: ONDC को आम उपभोक्ताओं के बीच एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने होंगे।

निष्कर्ष

ONDC भारत के डिजिटल कॉमर्स के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। UPI के खुले, इंटरऑपरेबल मॉडल को ई-कॉमर्स पर लागू करके, ONDC भारत को तकनीकी रूप से विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की ओर ले जा रहा है। यह पहल न केवल बड़े प्लेटफॉर्म्स के वर्चस्व को तोड़ेगी, बल्कि लाखों MSMEs को सशक्त करेगी और उपभोक्ताओं के लिए बेहतर, सस्ते विकल्प पेश करेगी।

सफलता की कुंजी यह है कि ONDC इन शुरुआती चुनौतियों को कैसे पार करता है और कैसे गुणवत्ता, सुरक्षा और नवाचार को प्राथमिकता देता है। ONDC में वह शक्ति है कि वह ई-कॉमर्स को हर भारतीय के लिए, हर जगह, सुलभ बना दे।

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